Tuesday 30 October 2018

जानिए दीपावली का सच

जानिए दीपावली का सच

दीपावली की सच्चाई
दीवाली की सच्चाई
दोस्तों जब हम किसी से पूछते हैं कि दीपावली क्यों मनाई जाती है तो उसका जवाब होता है कि इस दिन श्री रामचंद्र जी 14 वर्ष वनवास काटने के बाद अयोध्या वापस लौटे थे इसलिए मनाया जाता है राम चरित्र मानस के पेज नंबर 8 पर स्पष्ट लिखा है कि श्री राम वैशाख महीने में वापस अयोध्या आए जो कि अप्रैल का महीना होता है तो यह बात सिद्ध हो जाती है कि राम जी की वजह से दिवाली नहीं मनाई जाती है।

आखिर इतना बड़ा पर्व जो कि पूरे विश्व में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है आखिर किस वजह से मनाया जाता है इस पर्व को यदि बारीकी से देखा जाए तो दो ही बातें मुख्य नजर आती है।

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1-दिवाली उत्सव अमावस्या को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन तथागत बुद्ध जी ज्ञान प्राप्त कर कपिलवस्तु वापस आए थे। उनके स्वागत में कपिलवस्तु के नागरिकों ने हजारों दीपक जलाए थे।

2-जब सम्राट अशोक ने बुद्ध धम्म यात्राएं की प्रचार, प्रसार किया विश्व में धम्म को फैलाया सम्राट अशोक ने प्रण लिया कि मैं तथागत बुद्ध एवं उनके शिष्यों द्वारा दिए गए 84 हजार उपदेशो को जीवंत करूंगा, उन्होंने अपने राज्य जो कि ईरान, इराक और अफगानिस्तान तक फैला था 84 हजार स्कंध बनवाएं थे,तथा स्मृति चिन्ह बनवाए सभी जगह बुद्ध की अस्थियां रखी गई।
यह सभी स्तूपो, जलाशयों, स्कूलो, बिहारो एवं मार्गों के रूप में विकसित किए गए सर्वाधिक बिहार, राजधानी मगध में बनवाए गए। जो कि आज बिहार के रूप में जाना जाता है सम्राट अशोक ने अपने राज्य में यह घोषणा की, कि 84 हजार धम्म स्कन्धो पर कार्तिक अमावस्या को दीप जलाए जाएंगे एवं इस दिन को दीपदानउत्सव के रूप में मनाया जाएगा।
➡️इसका मतलब होता है, ज्ञान का दीपक! ज्ञान को दान देना! बुद्धि का विकास करना! तथागत बुद्ध के विचारों को आम जनमानस तक फैलाना!
आज कुछ लोगों ने इस उत्सव को स्वार्थ, नीति के तहत परिवर्तित कर दिया है, और त्यौहार का रूप दे दिया है। इस दिन हम सभी देशवासियों से यह कहना चाहते हैं कि इस दिन दीप जलाएं लेकिन,ज्ञान का दीपक जलाएं।
👉अपना दीपक स्वयं बने।
👉ज्ञान को बांटे,
👉बुद्धि का विकास करें ।
इस दिन ऐसा कोई कार्य न करें जिससे पर्यावरण को नुकसान हो पटाखे न जलाए  आतिशबाजी न करें इससे प्रदूषण फैलता है और आम जनमानस पर गहरा प्रभाव पड़ता हैं ।
➡️बहुजन समाज को त्योहारों की सच्चाई बताना बहुत ही जरूरी है क्योंकि जितने भी त्यौहार है ब्राह्मण धर्म में उनमें रत्तीभर सच्चाई नहीं हैं ,इन त्योहारों का संबंध तथागत बुद्ध ,बुद्ध धम्म से जरूर इसका संबंध हैं ।
तथागत बुद्ध के धम्म को  ज्यादा से ज्यादा फैलाए ,तथा इस जानकारी को अधिक से अधिक लोंगों तक Share करें ।
नमों बुद्धाय             जय भीम
Source By :- Social Networking Site
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Rahul Bouddh

Jai Bheem My name is Rahul. I live in Sagar Madhya Pradesh. I am currently studying in Bahujan Awaj Sagar is a social blog. I publish articles related to Bahujan Samaj on this. My purpose is to work on the shoulders from the shoulders with the people who are working differently from the Bahujan Samaj to the rule of the people and to move forward the Bahujan movement.

1 comment:

  1. This post is very nice. आपके इस तरह के पोस्ट का मुझे बेशब्री से रहता(रहेगा).thnks

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