गणतंत्र दिवस पर संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर अपमान हुआ
पिछले दिनों पूरे देश में 26 जनवरी मनाई गई लाल किले सहित लाखों जगह तिरंगा झंडा फहराया गया, लाखों जगह गणतंत्र दिवस के छोटे-बड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए सरकारी और गैर सरकारी स्कूल कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित की गये, महात्मा गांधी जवाहरलाल नेहरू नेताजी सुभाष चंद्र बोस आदि महापुरुषों के चित्रों को फूल माला पहनाई गई, इन महापुरुषों की जय जयकार भी खूब सुनाई दिये, लेकिन चंद गिनी चुनी जगहों को छोड़कर लोग संविधान के शिल्पकार डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को भूल गए । जिन्होंने 2 साल 11 माह 18 दिन की घोर मेहनत के बाद संविधान तैयार किया वह बाबासाहेब ही थे ,जिनके प्रयासों से देश के सभी नागरिकों को समानता और स्वतंत्रता मिल पाई बाबा साहब के योगदान के कारण ही हमारा देश गणतंत्र बन पाया है , तथा लोकतंत्र बन पाया है यह लोकतंत्र की ताकत है कि महिला होने के बाद भी इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बन पाई और लोकतंत्र का ही चमत्कार है कि चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री बन जाता है । और लोकतंत्र की ताकत है कि उत्तर प्रदेश के एक दलित समाज की बेटी भारत के सबसे बड़े राज्य की चार चार बार मुख्यमंत्री बन पाई , एक राज कुमारी राजा की रानी तो बन सकती थी लेकिन कभी शासक नहीं बन सकती थी । इसी संविधान के कारण देश की महिला शासक बन पाई ।
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लेकिन गणतंत्र दिवस पर जिस सम्मान के बाबा साहब हकदार हैं बस सम्मान उन्हें नहीं मिल रहा है इसका केवल एक ही कारण है कि बाबा साहब का उच्च कुल में जन्म न लेना, यदि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ब्राह्मण , क्षत्रिय या किसी बड़े घराने में जन्म लेते तो उनका भरपूर सम्मान मिलता । अवश्य ही उनके चित्र हर समारोह में नजर आते तथा अवश्य ही समारोह में जय भीम के नारे लगते कई दिन पहले से टीवी चैनलों पर उनके योगदान की चर्चा होती ।
लेकिन बाबा साहब का जन्म उस समुदाय में हुआ था जिस संविधान को हिंदू धर्म में नीच समझा जाता था और शायद आज भी समझा जाता है यही कारण है कि अधिकतर समय ग्रहों में जातिवाद का नंगा नाच देखने को मिलता है ।
हजारों वर्षों पहले जिस मानसिकता को धर्म के माध्यम से लोगों के दिमाग में बैठा दिया गया था वह मानसिकता आज भी जिंदा है यही कारण है कि दलित दोनों को घोड़ी पर बैठने पर कई जातिवादी लोगों को तकलीफ होती है । भारत का सबसे बड़ा पद राष्ट्रपति को भी जाति देखकर उन्हें मंदिर में धक्का दिया जाता है । मुख्यमंत्री की जाति देख कर मुख्यमंत्री आवास खाली कराने पर उसे गंगा जल से दिलवाया जाता है ।
इसी मानसिकता के तहत आज देश में जातिवाद बरकरार है और जब तक यह जातिवादी मानसिकता बनी रहेगी तब तक देश की तरक्की नहीं हो सकती है और ना ही देश का लोकतंत्र कभी अच्छा बन सकता है ।
जय भीम , जय भारत
जय भीम , जय भारत
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