Sunday 24 December 2017

बहुजन समाज ऋणी रहेगा फतेह खान नाम के मुसलमान का……

Manusmriti Dahan
मनुस्मृति दहन
जय भीम
25 दिसंबर 1927 को बाबा साहब ने हजारों लोगों के साथ मिलकर मनुस्मृति नामक काले कानून का सरेआम दहन किया , जिस मनुस्मृति ने बहुजन समाज के लोगों को 5000 सालों से गुलाम बना कर रखा था ।

बताया जाता है, कि डॉ आंबेडकर के मनुस्मृति को जलाने के कार्यक्रम को असफल करने के लिए 15% अपर कास्ट के लोगों ने यह तय किया था , कि उन्हें और उनके साथियों के लिए कोई जगह ना मिले ।
मनुस्मृति जलाने के कार्यक्रम को सबने जगह देने से इंकार कर दिया था , लेकिन फतेह खान नाम के एक मुसलमान ने अपनी निजी जगह डॉ अंबेडकर और उनके साथियों को मनुस्मृति जलाने के कार्यक्रम को उन्होंने जगह थी ।
मनुस्मृति जलाने के साथ ही बहुजन समाज के लोगों ने 5 बातों की शपथ ली थी कि…..
1. मैं जन्म चातुर्वर्ण व्यवस्था में विश्वास नहीं रखूंगा ।
2. मैं जातिभेद में विश्वास नहीं रखूंगा ।
3. मेरा यह विश्वास है कि जातिभेद हिंदू धर्म पर एक  कलंक है और इसे खत्म करने कि पूरी कोशिश करूंगा ।
4. यह मानकर भी कि कोई ऊंच-नीच नहीं है, कि मैं कम से कम हिंदुओं में आपस में खानपान में कोई प्रतिबंध नहीं मानूंगा ।
5 . मेरा विश्वास है कि बहुजनों का मंदिर तालाब और दूसरी सुविधाओं में समान अधिकार है ।
इस तरह की पांच बातों की प्रतिज्ञा लेकर बाबा साहब डॉ अंबेडकर और उनके साथियों ने मनुस्मृति का सरेआम दहन किया, इस तरह मनुस्मृति नामक काले कानून ग्रंथ के एक एक पन्ने को फाड़ कर आग मैं दहन कर दिया था ।

आखिर मनुस्मृति में बहुत जनों के खिलाफ क्या लिखा था

  • पुत्री, पत्नी, माता या कन्या किसी भी स्वरूप में नारी आजाद नहीं होनी चाहिए ।
  • ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य की सेवा करना है शूद्र का काम है ।
  • स्त्री की संपत्ति का अधिकार और उसका मालिक पति, पुत्र या पिता है ।
  • मनुस्मृति के अनुसार स्त्री पुरुष को मोहित करने के लिए है ।
  • शूद्र अगर गर्व से  उपदेश देता हो तो, राजा उसे उसके मुंह और कान में उबला हुआ तेल डाल दे ।।
  • ब्राह्मण के सामने शूद्र यदि बैठना चाहे तो राजा उसके कमर में चिन्हित करें तथा राज्य से बाहर निकाल दे ।
  • गर्व से शुद्र यदि थूके तो राजा उसके होठ काट दे ।
ऐसे ही अनेको अनेक बातें बहुत जनों के खिलाफ लिखी हैं जिसकी वजह से बहुजन समाज 5000 सालों से इंसान होने के हक खो रखा था……
अगर फतेह खान नाम के मुसलमान ने अपनी जगह नहीं दी होती तो शायद ही बाबा साहब और उनके साथी मनुस्मृति का दहन कर पाते ।
आज हमें 15 % ब्राह्मण बनिया ठाकुर यह बताता है कि मुसलमान हमारे दुश्मन है , जबकि मुसलमान भाई बहन कभी हमारे दुश्मन नहीं रहे जब-जब हमें किसी की मदद नहीं मिली तब तक मुसलमान भाई बहनों ने हमारी मदद की ।
जय भीम जय भारत 
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Rahul Bouddh

Jai Bheem My name is Rahul. I live in Sagar Madhya Pradesh. I am currently studying in Bahujan Awaj Sagar is a social blog. I publish articles related to Bahujan Samaj on this. My purpose is to work on the shoulders from the shoulders with the people who are working differently from the Bahujan Samaj to the rule of the people and to move forward the Bahujan movement.

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