National flag |
आखिर 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है:-
15 अगस्त जुबान पर आते ही या सुनाई देते ही तिरंगे झंडे का चित्र मस्तिष्क Brain में उभर आता है क्योंकि जितना संबंध प्यास पानी का है,जितना संबंध भूख और रोटी है, उतना संबंध 15 अगस्त और तिरंगे झंडे का है,15 अगस्त सुनते ही याद आ जाता है ,कि किस तरह स्कूल के दिनों में स्कूल में 15 अगस्त मनाया जाता था, 15 अगस्त की तैयारी स्कूल में कुछ दिन पहले से शुरू हो जाती थी,स्कूल का ग्राउंड की पहले से साफ-सफाई कर दी जाती थी ,15 अगस्त के दिन सुबह सुबह रैली Raily निकाली जाती थी, जिसमें भारत माता की जय ,आज क्या है 15 अगस्त, देश की रक्षा कौन करेंगे हम करेंगे हम करेंगे, देश के वीर जवानों की जय आदि नारे लगाए जाते थे, झंडा वंदन और Culture Program के बाद खुशी-खुशी सब अपने अपने घर आ जाते थे ।
सन 1608 में अंग्रेजों का पहला जहाज सूरत बंदरगाह पर आया और 1613 ईसवी में सुल्तान जहांगीर ने अंग्रेजों को सूरत में फैक्ट्री खोलने की इजाजत दे दी, तथा व्यापार करने का अधिकार दे दिया, सन 1757 में प्लासी युद्ध में अंग्रजों ने बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को हरा दिया और भारत में अंग्रेजी शासन की शुरुआत हुई ,अंग्रेजों ने अपनी कूटनीति Diplomacy से फूट डालकर धीरे धीरे पूरे देश पर कब्जा कर लिया ।
अंग्रेजों का शासन हो जाने के बाद अंग्रेजों ने देश में अपने हिसाब से शासन करना शुरू कर दिया, अंग्रेजी में ऐसे काम किए, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होने लगी , 1829 में राजाराम मोहन राय की मांग पर अंग्रेजों ने सती प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया, अंग्रेजी सरकार ने ऐसे कारतूस बनवाए थे जिसमें गाय और सूअर की चर्बी मिली हुई थी, और उन कारतूसों को दांतो से छीलना पड़ता था । 1857 में सैनकों ने इन कारतूसों के उपयोग करने से इंकार कर दिया ।उनमें मंगल पांडे मुख्य थे ,जिसके परिणाम स्वरुप मंगल पांडे को हथियार छीनने और वर्दी उतारने का हुक्म दिया जिससे क्रोधित होकर मंगल पांडे ने अंग्रेज मेजर को मौत के घाट उतार दिया । 8 अप्रैल 1857 को मंगल पांडे को फांसी दे दी गई । जिसके बाद अंग्रेजों के विरुद्ध सैनिक विद्रोह भाग गया, यह विद्रोह दिल्ली मेरठ झांसी कई जगहों पर फैल गया । अंग्रेजों ने इस विद्रोह को दबा दिया लेकिन विद्रोह की आग 90 वर्षों तक भड़कती रही और अंत में 15 अगस्त 1947 को देश छोड़ना पड़ा ।
अंग्रेजों British के शासन से आजादी पाने के लिए मातादीन भंगी, मंगल पांडे,खुदीराम बोस, भगत सिंह, उधम सिंह सुखदेव, राजगुरु हजारों देशभक्तों को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया । चंद्रशेखर आजाद जैसे हजार क्रांतिकारियों को गोली मार दी , महात्मा गांधी जवाहरलाल नेहरु वल्लभभाई पटेल जैसे हजारों देशभक्तों को जेल की सजा भुगतनी पड़ी तब जाकर अंग्रेजों को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा । 15 अगस्त का राष्ट्रीय त्योहार (National festival) मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । लेकिन यह आज़ादी केवल नाम की आज़ादी थी ,असल मे सही आज़ादी तब मिली जब डॉ. बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान Constitution लिखा और देश के सभी नागरिकों Citizens को हक़ अधिकार दिये तब सच्चे मायनो में आज़ादी मिली ।
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