बहुजन महापुरुषों को एक करने वाले कांशीराम
बहुजन नायक मान्यवर श्री कांशीराम साहब के 12वें परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर, कांशीराम जी का बहुजन समाज के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण योगदान बता रहा हूं, बहुजन समाज के आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए, बहुजन समाज को बताना बहुत ही जरूरी है इसलिए यह लेख में प्रकाशित कर रहा हूं ।
Kanshiram ji |
कांशीराम जी जिस विचारधारा को लेकर चल रहे थे तथा भारतीय राजनीति में स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे, तथा बहुजन समाज को एक करने का प्रयास कर रहे थे, तब काम आसान नहीं था ,इसलिए मान्यवर कांशीराम जी ने बहुजन समाज को, एक करने के लिए विचारधारा के आधार पर संगठित करने की कोशिश की, कांशीराम जी ने SC,ST,OBC समाज में जो महापुरुष पैदा हुए थे, जिन्होंने ब्राह्मणवादी व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन चलाया तथा ब्राह्मणवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए ,जिन्होंने अपने जीवन का त्याग बलिदान करके बहुजन समाज को हक अधिकार दिलाने के लिए ,तथा महिलाओं को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए, जिन महापुरुषों ने मोमबत्ती की तरह अपने को जलाकर बहुजन समाज के लिए लड़ाई लड़ी उन महापुरुषों को कांशीराम जी ने अपने अपने प्रांतों से उठाकर के राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाकर करके बहुजन समाज के एक समूह में स्थापित करने की एक ऐतिहासिक कोशिश की थी।
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कांशीराम साहब ने भारत के बहुजन महापुरुषों को किन किन राज्यों से एक समूह में जोड़ने की कोशिश की आइए देखते हैं
महाराष्ट्र :- महात्मा ज्योतिराव फुले, सावित्रीबाई फुले ,छत्रपति शाहूजी महाराज ,डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर संत चोखामेला
केरल :- नारायण गुरु
तमिलनाडु:- पेरियार रामास्वामी नायकर
बिहार ,झारखंड:- बिरसा मुंडा
उत्तरप्रदेश:- संत कबीर ,संत रविदास
बहुजन समाज के महापुरुष दिन को छोटे-छोटे प्रांतों राज्यों से उठाकर राष्ट्रीय स्तर पर जगह दी तथा सम्मान दिया तथा इनकी विचारधारा को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया, कांशीराम जी ने इसी फार्मूले के साथ बहुजन समाज के एससी एसटी ओबीसी को विचारधारा के आधार पर एक करने की कामयाब कोशिश की ।
कांशीराम जी का ऐसा प्रयास था कि ,जो मनु द्वारा निर्मित अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की 6743 जातियां है , टुकड़ो के भी टुकड़ों में बंटी हुई जातियां हैं ,उन जातियों को विचारधारा के आधार पर लोगों को अल्पजन से बहुजन बनाकर देश का हुक्मरान बनाये ।
कांशीराम जी किसी ऐतिहासिक नीति के कारण बहुजन समाज के महापुरुषों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली तथा इसी प्रयास के कारण SC,ST,OBC समाज बहुजन समाज के महापुरुषों की विचारधारा जाने का मौका मिला, तथा इसी प्रयास के कारण बहुजन समाज पार्टी देश की तीसरे नंबर की पार्टी तथा राष्ट्रीय पार्टी बनी , तथा sc.st.obc एक हो जाने के कारण देश की जनसंख्या वाला सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज की बेटी मायावती जी चार बार मुख्यमंत्री बनी ।
इसी प्रयास के कारण देश का 85% बहुजन समाज अपने बाप दादाओं का सच्चा इतिहास जानकर सत्ता के मंदिर पर कायम होगा तथा बहुजन समाज के सामाजिक आर्थिक राजनीतिक मुक्ति के आंदोलन को अपनी मंजिल तक पहुंचायेगा ।
कांशीराम जी ने इस अनुसूचित जाति, जनजाति पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक बहुजन समाज के आंदोलन को उस समय रीड की हड्डी बन कर कांशीराम जी ने इस आंदोलन को संभाला और आगे बढ़ाया, जब आंदोलन खत्म होने की स्थिति में हो गया था ।
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