बहुजन समाज का क्या मतलब है
Bahujan Samaj |
बहुजन शब्द का इतिहास :-
बहुजन शब्द का प्रयोग सबसे पहले महामानव तथागत गौतम बुद्ध ने किया था बहुजन शब्द ( त्रिपिटक )से लिया गया है , भगवान बुद्ध ने कहा है बहुजन हिताय बहुजन सुखाय जो कि बहुजन समाज पार्टी का 2007 से पहले यह नारा रहा है । भगवान बुद्ध के समय में बहुजन शब्द का मतलब बहुसंख्यक (Majority) होता है, बहुजन अर्थात अधिक से अधिक संख्या वाले लोग होता है , भगवान बुद्ध ने कहा बहुजन हिताय बहुजन सुखाय मतलब अधिक से अधिक लोगों का हित तथा सुख हो ।
भारतीय राजनीति में बहुजन शब्द :-
भारतीय राजनीति में बहुजन शब्द का प्रयोग बामसेफ DS4 तथा बीएसपी के संस्थापक कांशीराम जी ने बहुजन शब्द का प्रयोग किया, उन्होंने बहुजन शब्द को इतना ज्यादा प्रचारित,प्रसारित किया कि लोगों की जुबान पर बहुजन शब्द का नाम आ गया, बहुजन शब्द का मतलब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा धार्मिक अल्पसंख्यक जैसे मुस्लिम,सिख,ईसाई जैन,बौद्ध,पारसी को कहा गया है जिनकी संख्या से देश में 85% है, इन वर्गों को एक करके बहुजन समाज कहा गया है ।
कांशीराम जी ने मनु द्वारा निर्मित चतुर्वर्णीय व्यवस्था में जिसमें ब्राह्मण,क्षत्रिय वैश्य तथा शुद्र वर्ण इन चार भागों में बांटा गया । तथा तथा शुद्र वर्ण को मनु ने 6743 जातियों के टुकड़ों के टुकड़ों में बांट दिया तथा उन 6743 टूटी हुई जातियों को एक करके अल्पजन से बहुजन बनाने की कोशिश कांशीराम जी ने की, जिसे बहुजन समाज कहा गया , तथा बहुजन समाज के महापुरुषों को प्रांतीय स्तर से उठाकर राष्ट्रीय स्तर पर बहुजन महापुरुषों को एक करके, नई पहचान दिलाई । बहुजन समाज का मतलब है इस देश का 85% बहुसंख्यक आबादी वाला बहुजन समाज जिनको जाति तथा उपजातियों में बांटा गया । बहुजन शब्द के माध्यम से इस देश की 85% SC,ST,OBC तथा माइनॉरिटी को एक सूत्र में बांधने की कोशिश कांशीराम जी ने की ।
बहुजन समाज का नाम देने की जरूरत है, इसलिए हुई क्योकि इस 85% आबादी वाला (बहुसंख्यक) बहुजन समाज सामाजिक,आर्थिक, राजनीतिक रूप से शोषण होता रहा है।
26 जनवरी 1950 संविधान लागू होने के बाद इस 85% बहुजन समाज का शोषण होना बंद नहीं हुआ तथा संविधान लागू होने से पहले 85% समाज पर 15% वाले मनुवादियों का राज कायम था ,और संविधान लागू होने के बाद भी 15% वालों का देश में राज रहा तथा तथा बहुजन समाज की वोटों की लूट हुई, इस 85% बहुजन समाज को एक करके ,15% वालों का राज हटाकर 85% वाली बहुसंख्यक बहुजन समाज का सत्ता पर कायम करने की कोशिश कांशीराम जी ने की तथा भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सफलता भी मिली ।
हमारी 85% जनसंख्या वाले बहुजन समाज को जातियों के आधार पर तोड़े हुए लोगों को एक करके बहुजन समाज को देश का शासक बना कर 85% गरीब शोषित पीड़ित लोगों का उद्धार करना होगा ।
Must Read:- Occupation Of Hindu Religion In Government Institutions
Jay Bheem
ReplyDeleteक्रांतिकारी जय भीम 💙 आपके कार्य की सराहना क्या करें ! बहुजनों का उत्थान आप जैसी बहुजन मीडिया ही कर सकती हैं ।
ReplyDelete